Friday, 29 March 2019

संस्कृति का उपादान

संस्कृति का उपादान


किसी समाज की संस्कृति को कैसे पहचाना जाये या कौन कौन से चीज़ है जो एक समाज को अन्य एक से अलग करती है? दोस्तों इन प्रश्नो का जो जो उत्तर है, उन्ही उत्तरो में छिपा है किसी समाज की संस्कृति का उपादान

तो फिर चलिए जानते है की ये सारे उपादान क्या क्या है : -


1. जनरीति : - समाज के कुछ नियम ऐसे होते है जिनको मानके चलना व्यक्ति और समाज दोनों के लिए ही अच्छा होता है लेकिन इन नियमो को मानके चलने में कोई भी बाध्यता या जोर जबरदस्ती नहीं होता।

मानव समाज के इन निति-नियमो को ही जनरीति कहाँ जाता है।

उदाहरण : - सुबह जल्दी उठना व्यक्ति की स्वस्थ के लिए अच्छा होता है तथा समाज भी इस कार्यो को समर्थन करता है, लेकिन दोस्तों अगर कोई व्यक्ति दिन के 10 बजे भी उठता है तो भी उसको कुछ सजा नहीं दिआ जा सकता। इसका कारण है की ये जनरीतिया है, लोकाचार नहीं।    
संस्कृति का उपादान
2. लोकाचार : - किसी समाज का लोकाचार वो सारे उपादान होते है जिसको मानके चलने के लिए व्यक्तिगण बाध्य होते है।

इसको हम जनरीति का कठोर रूप भी बोल सकते है अर्थात कुछ जनरीति होते है जिनको मानके चलने के लिए व्यक्ति बाध्य नहीं होते लेकिन कुछ जनरीतिया ऐसे भी होते है जिनको मानके चलना बाध्यता है।

अगर इन जनरीतिओ को मानके ना चला जाये तो समाज व्यक्ति को कठोर दंड प्रदान करता है, इसीलिए इनको लोकाचार कहाँ जाता है।

लोकाचार का कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण : - जाती व्यबस्था अनुसार व्यक्ति का कर्म जन्म से ही निर्धारित होता है इसीलिए कोई भी व्यक्ति अपने जाती से बाहर जाकर कुछ भी कार्य नहीं कर सकता, विवाह पूर्व संतान जनम देने में भारतीय हिन्दू समाज का कठोर बाधा; ये सभी लोकाचार का उदाहरण है।

Related Articles: -

  
3. प्रतिक चिह्न : - किसी समाज का प्रतिक चिह्न भी उस समाज की संस्कृति को निर्देशित करता है। उदाहरण के रूप में जिस घर में '' अक्षर लिखा हो वो घर हिन्दुओ का होता है और जहा 'क्रूज' चिह्न हो वो क्रिस्चियन धर्म का होता है।

इन सभी को हम देखकर ही पहचान जाते है।


4. कानून : - दोस्तों कानून क्या होता है ? ये होता कुछ कठोर नियम जो देश या समाज के राजनैतिक कर्तित्व के दुवारा बनाया जाता है। 

इन नियमो को तोड़ने से व्यक्ति को कठोर दंड प्राप्त हो सकता है, कभी कभी तो ये दंड इतना ज्यादा कठोर होता है व्यक्ति को मृत्यु दंड तक प्रदान किआ जा सकता है।

इसी कारण अधिकांश लोग कानून को तोड़ने की कोसिस नहीं करता।


5. भौतिकता : - किसी समाज की संस्कृति को पहचानने में उस समाज की भौतिकता भी काफी मददगार होती है। ये भौतिकता होता है घर-मकान, वेशभूषा, यंत्र, गाड़ी ये सभी। इन सबको भौतिक संस्कृति या सभ्यता भी कहा जाता है।

उदाहरण के रूप में घर बनाने का जो तरीका होता है वो बर्फीले देशो में अलग होता है और की गर्म रेगिस्तान में भी अलग होता है। हम इन तरीको को देखकर आराम से पहचान सकते है की ये किस संस्कृति का अंश है।