Saturday, 6 April 2019

संयुक्त परिवार की सुबिधा और असुबिधा

संयुक्त परिवार की सुबिधा


1. बच्चो की समाजीकरण : - संयुक्त परिवार की प्रथम सुबिधा है बच्चो की उच्च समाजीकरण एकल परिवार व्यबस्था में हमें देखने मिलता है की माता-पिता अपने अपने कामो में अधिक व्यस्त रहने के कारण बच्चो की अच्छे समाजीकरण के ऊपर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते।

इसके करणवर्ष ज्यादातर बच्चे ऐसे परिवारों में बुरे संगत में पड़के बिगड़ जाते है।

लेकिन संयुक्त परिवार व्यबस्था में ऐसा नहीं होता। मई ये नहीं कहता की ये बिलकुल नहीं होता लेकिन ऐसा होने का बहुत ही कम होता है।

ऐसे परिवारों में सदस्य ज्यादा रहने के कारण बच्चो के ऊपर नियंत्रण ज्यादा होता है, यहाँ हर एक सदस्य ये ध्यान रख सकते है की उनके बच्चे बुरे संगत में ना पड़े तथा अच्छा व्यबहार, अच्छा आचरण सीखकर खुदको समाज का एक अच्छा व्यक्ति के रूप में प्रतिष्ठित करे।
संयुक्त परिवार की सुबिधा और असुबिधा
2. आर्थिक और मानसिक सुरक्षा : - ये इसका दूसरा सबसे महत्वपूर्ण सुबिधा है।

जब कोई व्यक्ति अपने आमदनी का खो बैठता है तो वो आर्थिक रूप से दुर्वल हो जाता है और जब किसी अपने को खो बैठते है तो वो मानसिक रूप से टूट जाते है।

एकल परिवार में किसी के साथ ऐसा होता है तो वो समय उसके लिए ये बहुत ही पीड़ादायक होता है। क्योकि उस समय उसके पास ना कोई मानसिक सुरक्षा होता है और ना ही कोई आर्थिक सुरक्षा।

दोस्तों संयुक्त परिवार में जब व्यक्ति आर्थिक या मानसिक संकट में पड़ता है तब उसके पास उसके सहायता के लिए बहुत सारे लोग रहते है।

जिसके कारण वो अपने दुःख से आसानी के साथ उभर आने में शक्षम हो पाते है। ये भी मुझे एकल परिवार का एक अन्यतम सुबिधा ही लगता है।


3. एक दूसरे के प्रति प्रेमपूर्ण भाव  : -  संयुक्त परिवार में प्रत्येक व्यक्ति का स्वार्थ एक दूसरे के ऊपर निर्भरशील होता है और यहाँ सभी को ये ज्ञात होता है की अगर अपने स्वार्थ को रक्षा करना है तो अपनों के स्वार्थ को भी रक्षा करना पड़ेगा।

इसके कारण यहां सभी व्यक्ति एक दूसरे के लाभ के लिए लगातार प्रयास करते रहते है, जिसके दुवारा उनके बिच प्रेमपूर्ण भावना का भी विकाश होता है।

दोस्तों आप खुद सोचके देख सकते है, की संयुक्त परिवार में सदस्यों के बिच प्रेमपूर्ण भावना कितना ज्यादा होता है। दराचल इसका मुख्य कारण एहि है।

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संयुक्त परिवार की असुबिधा

1. एक समान योगदान का अभाव : - सबसे पहले तो यहाँ परिवार का प्रत्येक सदस्य एक जैसे एक समान मेहनत लगाके कार्य नहीं करते। ज्यादातर संयुक्त परिवारों में देखा गया है की कुछ सदस्य अधिक परिश्रमी होते है और वही कुछ अति आलसी।

ऐसे होने के कारण व्यक्ति को आर्थिक सुरक्षा प्राप्त होने के बाउजूद भी परिवार आर्थिक अवस्था अधिक शक्तिशाली नहीं हो पाती।


2. पारिवारिक विवाद : - ज्यादातर क्षेत्र में देखा गया है की दो भाई शादी करने के बाद एक साथ तो रहते है लेकिन जब उनके बच्चे बड़े होते है और वे भी शादी करते है, तब ऐसे परिवारों में धीरे धीरे विवाद आरम्भ होता है।

ये विवाद विशेष करके संपत्ति को केंद्र करके आरम्भ होते है और एक बुरे एहसास के साथ परिवार का पतन करवाके अंत होता है।

इसीलिए आज-कल देखा गया है ज्यादातर लोग ऐसे विवादों का आरम्भ होने से पहले ही संयुक्त से एकल परिवार व्यबस्था का गठन करते है।


3. व्यक्ति प्रतिभा का दमन : - दोस्तों ये हम कितना भी क्यों ना कह ले की संयुक्त परिवार व्यबस्था में हर एक व्यक्ति एक दूसरे प्रगति के लिए सोचता है, लेकिन अचल सत्य यही है की इस प्रगति के सोच में भी एक अज्ञात दमन रहता है।

एकल परिवार में जितना व्यक्ति प्रतिभा का महत्व है यहाँ ऐसा महत्व देख पाना बहुत ही ज्यादा कठिन है।