Tuesday, 12 March 2019

राजनीतिक आधुनिकीकरण की अवधारणा

राजनीतिक आधुनिकीकरण की अवधारणा


आधुनिकीकरण एक सामाजिक प्रक्रिया है, जो मानव समाज की हर एक क्षेत्र को प्रभावित करता है।

दराचल ये प्रक्रिया आधुनिकतावाद से जन्मा हुआ होता है जो सबसे पहले तो एक सोच होता है, और जब वो सोच समाज में फैलकर समाज के बिभिन्न क्षेत्र को प्रभावित करता है या क्षेत्र में परिवर्तन लाता है तभी इसको आधुनिकीकरण बोला जाता है।

इस लेख में हम 'राजनीतिक आधुनिकीकरण की अवधारणा' को जानेंगे, जिसको राजनैतिक क्षेत्र में आधुनिकीकरण का प्रभाव भी हम बोल सकते है।  तो चलिए सुरु करते है।

राजनीतिक आधुनिकीकरण की अवधारणा - 4 मूल क्षेत्र


1.  शासन प्रणाली में परिवर्तन : - दोस्तों ये तो हम सभी को ज्ञात है की दुनिआ में पहले राजतांत्रिक  शासन का प्राधान्य चलता था। उस समय देश के सामान्य नागरिको को वो सारे अधिकार नहीं मिल पाते थे जो आज सबको मिल रहा है।

उस वही होता था जो देश के राजा चाहते थे , सामान्य नागरिको की इच्छा, अधिकार को राजन्य वर्ग अपने पेड़ो तले कुशल देते थे। लकिन समय बदलता गया और दुनिआ में आए आधुनिकतावाद की आंधी ने विश्व के पुरे शाषण व्यबस्था को हिला के रख दिआ।

17 वी सदी के अंत से राजनैतिक क्षेत्र में आए आधुनिकतावाद इस आंधी ने पुरे विश्व में राजतन्त्र का विनाश कर दिआ और उसके जगह प्रतिष्ठा गणतंत्र का। जहा हर एक नागरिक सामान है, जहा जनता राजा के अधीन नहीं है बल्कि राजा सामान्य जनता जे अधीन है।

दुनिआ में राजनैतिक आधुनिकीकरण का ये सबसे पहला और महत्वपूर्ण प्रभाव है।

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2. सामाजिक कल्याण का उपाय : - पहले समझा जाता था की राजनीती के केवल क्षमता आहरण और खुदको समाज में शक्तिशाली करने का उपाय है। लकिन आधुनिकतावाद के साथ इसका मिलन होने के वाद इस अबधारणा का काफी हद तक पतन होने लगा है।

आज ज्यादातर लोग समझने लगे है , विशेष करके पश्चिमी देशो में की राजनीती केवल क्षमता आहरण और समाज खुदको शक्तिशाली करने का उपाय नहीं है, ये क्षमताशाली होने के साथ साथ उस क्षमता का सही प्रयोग करके सामाजिक कल्याण करने का उपाय भी होता है।


3. सचेतन नागरिक : - ये आधुनिक सोच ही है जिसने समाज के सामान्य नागरिको को सीखाया की कैसे देश की  शासन प्रणाली में अंश ग्रहण किआ जाये और कैसे एक सही नेता का निर्वाचन किआ जाये ताकि देश और समाज का शासन सही तरीके से चल सके।

आज भी भारत के बहुत सारे नागरिक ये नहीं जानते की कैसे अपने लिए, अपने समाज के लिए सही नेता का सुनाव किआ जाये लकिन यूरोप और अमेरिका जैसे देशो में ज्यादातर नागरिक सही नेता का सुनाव निष्पक्ष होकर ही करते है और देश की शासन में भी सक्रिय होकर अंश ग्रहण करते है।


4. EVM का व्यबहार : - दोस्तों मई ये तो नहीं कहूंगा की इस यन्त्र का व्यबहार कितनी सही तरीके से हो रही है और ये भी नहीं मापूँगा की इसके सही व्यबहार की मात्रा कितनी ज्यादा है और कितनी कम लकिन ये सत्य है इसका जो व्यबहार हो रहा है उस हम आधुनिकीकरण बोल सकते है।