आधुनिकीकरण के रास्ते
दोस्तों इस लेख में हम परिचित होंगे आधुनिकीकरण के रास्तो के साथ, जो किसी मानव समाज आधुनिक दिशा में ले जाते है। यहाँ हम इसके पांच मुख्य रास्तो के साथ परिचित होंगे। तो चलिए एक एक करके आरम्भ करते है।
1. सबसे प्रथम तो हर एक व्यक्ति को अपने सोच को आधुनिक दिशा की ओर ले जाना पड़ेगा। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को मुक्त और यौक्तिक सोच का समर्थन करना होगा।
समाज में प्रचलित अंधबिस्वास, कु- संस्कारपूर्ण धारणाओं को छोड़के आधुनिक यौक्तिक धारणा की तरफ अग्रचर होना पड़ेगा। मई ये इसीलिए कह रहा हु क्योकि आधुनिकीकरण हमेशा ही अ-वैज्ञानिक और अ-यौक्तिक सोचो का विरोध करता है।
2. आधुनिकीकरण के रास्तो में जो दूसरा रास्ता है , वो है आधुनिक शिक्षा का विस्तारकरण। दोस्तों पहले उपाय हमने बताया की आधुनिक होने के लिए व्यक्ति या समाज को यौक्तिक , वैज्ञानिक सोच का आदि होना पड़ेगा।
लेकिन दोस्तों उस व्यक्ति को उस निर्धारित लक्ष तक पहुंचने के लिए जो रास्ता सहायता करेगा वो होगा शिक्षा। इसलिए मई समझता हु की आधुनिक शिक्षा ही आधुनिकीकरण तक जाने का सबसे आसान और उत्क्रिस्टतम उपाय है।
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3. आधुनिकीकरण का तीसरा आसान उपाय या रास्ता है दुसरो का अपकार ना करना। दोस्तों मई आपको ऊपर ही बताता आया हु की आधुनिकीकरण का अर्थ ही है यौक्तिक वैज्ञानिक सोच का समर्थन करना या अपने जीवन में वाहन करके चलना।
दोस्तों मई आपको बता देता हु की यौक्तिक-वैज्ञानिक सोच रखने वाले व्यक्ति कभी भी दूसरे मनुस्य का अपकार नहीं कर सकते और अगर कोई करता है तो उसका सोच ही यौक्तिक नहीं और इंसान भी आधुनिक नहीं।
इसीलिए अगर आपको आधुनिक बनना है तो सभी तरीको में से सबसे पहले इस तरीके का वाहन करके चलिए; जहा आप किसी दूसरे मनुस्य का अपकार नहीं करेंगे।
4. आधुनिक जीवन हमेशा ही मुक्त सोच का पक्षपाती है। ये कभी नहीं कहता की आप अपने सोच को रक्षणशील कर लो या फिर परिवर्तित ना करो, ये हमेशा ही कहता है की आप अपने मन को मुक्त रखो और समय अनुसार अपने मानसिकता को संशोधित और विकशित करते जाओ।
इसीलिए व्यक्ति की प्रगतिशील मुक्त चिंता आधुनिकीकरण का एक विशेष उपाय है। आप अपने मनको मुक्त रखना कभी भी ना भूलना।
5. ये जो पांचवा उपाय है इसी ने सबसे पहली बार आधुनिकतावाद का दुवार खोल दिआ था। ये उपाय है गणतंत्र का विकाश।
दोस्तों राजतन्त्र में व्यक्ति को मुक्त चिंता करने का अधिकार तो मिलता है लकिन उस चिंता को मुक्त रूप से प्रकाशित करने का अधिकार प्राप्त नहीं होता।
और जब तक व्यक्ति की मानसिकता किसी पिंजरे में बंध रहेगा तब तक वो व्यक्ति पूर्ण रूप से विकशित नहीं हो पायेगा।
दुनिआ में राजतांत्रिक शासन का पतन होने के बाद गणतंत्र का विकाश होने लगा, जिसने व्यक्ति की मानसिकता में एक नए शक्ति को प्रतिष्ठित किआ और इसी शक्ति से आए सोच ने समाज में अधिक प्रगतिशीलता लाया।
इसीलिए दुनिआ के ज्यादातर समाज विज्ञानी मानते है की आधुनिकीकरण की विकाश के लिए गणतंत्र बेहद ही जरूरी है।