Monday, 31 December 2018

भारत में वैश्वीकरण का प्रभाव (Bharat Me Vaishvikaran Ka Prabhav)

भारत में वैश्वीकरण का प्रभाव (Bharat Me Vaishvikaran Ka Prabhav)

भारतीय समाज, बिज्ञान, राजनीती, अर्थनीति सभी दिशाओ में आज वैश्वीकरण का प्रभाव पड़ रहा है। इस लेख में हम वैश्वीकरण या ग्लोबलाइजेशन का कुछ अच्छे और कुछ बुरे प्रभावों के बारे में जानेंगे। तो पहले इसके कुछ अच्छे प्रभावो को आलोचना करते है चलिए: -

Bharat Me Vaishvikaran Ka Prabhav

1. आधुनिकीकरण की तीब्र गति: -  वैश्वीकरण या भूमंडलीकरण ने भारतीय समाज में आधुनिकीकरण की गति को ज्यादा तीब्र कर दिआ है। एक समय था जब भारतीय समाज बाकि दुनिआ से अलग सा रहता था, जिसके कारण आधुनिक संस्कृति का प्रभाव यहा ज्यादा नहीं पड़ पाती थी। 

लकिन जब से भारतीय समाज में वैश्वीकरण की गति को तीब्रता मिला तब से यहाँ का समाज, बिज्ञान, राजनीती, अर्थनीति सभी दिशाओ में आधुनिकीकरण की गति भी तीब्र होने लगी है। भारतबर्ष ने जब सं 1991 में उदार अर्थव्यबस्था में अपनी कदम रखी तबसे यहाँ के समाज में काफी आधुनिक सोच की प्राधान्यता बढ़ी।    

2. अर्थव्यबस्था में परिवर्तन: - भारतीय अर्थव्यबस्था एक समय में समाजबाद के ऊपर प्रतिष्ठित अर्थव्यबस्था थी। उस समय में देश का अर्थनैतिक बिकाश का गति भी बहुत कमजोर था। देश Import से ज्यादा Export के ऊपर ध्यान देती थी। 

लकिन जबसे भारत ने परंपरागत अर्थव्यबस्था को त्याग करके नया अर्थव्यबस्था की निति ग्रहण किआ तब से इस देश की अर्थव्यबस्था समाजबाद से पूजिबाद की ओर बढ़ने लगी है। और इसके कारन देश के आर्थिक बिकाश का गति भी ज्यादा तेजी से बढ़ने लगी है। अर्थव्यबस्था में परिवर्तन ग्लोबलाइजेशन का भारतीय समाज के ऊपर अन्यतम महत्वपूर्ण प्रभाव था।

3. जाती व्यबस्था का पतन: - एक समय को भारतीय समाज में जाती व्यबस्था का प्राधान्य सबसे ज्यादा था। लोगो के बिच यौक्तिक सोच का अभाव होने के कारन लोग कर्म से ज्यादा जन्म के ऊपर ध्यान देते थे। कोई व्यक्ति अच्छा कर्म कितना भी क्यों ना आगे बढ़ जाये लकिन अगर उसका जन्म किसी निम्न जाती में हो तो उसको निम्न ही माना जाता था। 

वैश्वीकरण के जरिए हुए आधुनिकीकरण ने भारतीय समाज में यौक्तिक सोच की स्थापना की। आज इस समाज में जाती व्यबस्था का पतन हो रहा है। आज लोगो को जन्म के ऊपर नहीं बल्कि कर्म के ऊपर निर्भर करके अपना अधिकार प्राप्त हो रहा है।  भारत में वैश्वीकरण के अच्छे प्रभावो में ये भी एक अन्यतम प्रभाव है।

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भारत में वैश्वीकरण का बुरा प्रभाव (Bharat Me Vaishvikaran Ka Bura Prabhav)

1. भारतीय समाज के परंपरागत उच्च प्रमूल्य, जैसे की दया, करुणा, सहानुभूति इत्यादि का वैश्वीकरण के जरिए बिनाश हो रहा है।

2. भारतीय समाज में ड्रग्स, शराब, सिगरेट इत्यादि अपसंस्कृति का बिकाश भी वैश्वीकरण का ही बुरा प्रभाव है।

3. पश्चिमी समाज से आये हुए मुक्त यौन अचार के कारण इस देश में यौन अपराध की मात्रा बढ़ रही है।


4. पूजिबाद के द्रुत बिकाश होने के कारन देश में अमीरो और गरीबो के बिच दुरी दिन दिन बढ़ती ही जा रही है। अमीर ज्यादा अमीर हो रहा है और गरीब ज्यादा गरीब होता जा रहा है।