माल्थस का जनसंख्या नियंत्रण सिद्धांत (malthas ka jansankhya niyantran)
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अगर आप भी महान ब्रिटिश अर्थनीतिबिद थॉमस रोबर्ट माल्थस का जनसंख्या नियंत्रण
(malthas ka jansankhya niyantran) सिद्धांत जानना चाहते हो तो आपके लिए ये लेख जरूर सहायक होगी।
तो चलिए जानते है की उन्होंने इस सिद्धांत में क्या कहाँ है ?
थॉमस रोबर्ट माल्थस ने उनकी इस जनसंख्या theory को प्रकाशित किआ था उनकी ही एक अति महत्वपूर्ण पुस्तक ‘An Essay on the Principle of Population’ में, सं 1798 को।
थॉमस रोबर्ट माल्थस के अनुसार प्रकृति जिस तरह जनसंख्या को बढ़ावा देती है उसी तरह नियंत्रित भी करती है।
यौन प्रबृति मानब का प्राकृतिक चरित्र है और इसी यौन प्रबृति के कारण मानब का जनम होता है और कालक्रम में ये जनसंख्या को बृद्धि करता है।
यौन प्रबृति मानब का प्राकृतिक चरित्र है और इसी यौन प्रबृति के कारण मानब का जनम होता है और कालक्रम में ये जनसंख्या को बृद्धि करता है।
लेकिन ये जो बृद्धि है उसको जीबित रहने के लिए खाद्य, बस्त्र और स्थान की जरूरत पड़ती है। माल्थस के अनुसार अचल समस्या का जनम एहि पर होती है।
क्योकि जनसंख्या का जो बृद्धि होता है वो होता है ज्यामितिक क्रम में और जो जीबन जीने का साधन होता है वो बढ़ता है गणितीय क्रम में।
क्योकि जनसंख्या का जो बृद्धि होता है वो होता है ज्यामितिक क्रम में और जो जीबन जीने का साधन होता है वो बढ़ता है गणितीय क्रम में।
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अर्थात जनसंख्या कुछ तरह बढ़ता है 2 - 4 - 8 -16 - 32 इत्यादि।
और जीबन जीने का साधन कुछ इस तरह बढ़ता है 1 - 2 - 3 - 4 - 5 . ऐसा होने के कारण एक समय ऐसा आता है की समाज के ज्यादातर लोग अपने दैनिक प्रयोजनो को प्रचलित पद्धिति के माध्यम पूरा नहीं कर पाते।
इसी कारण समाज में गरीबी, भुकमंगी, इत्यादि जैसे समस्या बढ़ जाता है। लेकिन क्या लोग बिना खाये पिए जिन्दा रह सकते है ? बिलकुल नहीं।
हर इंसान अपने खाद्य, बस्त्र और स्थान की प्रयोजन को पूरा करने के लिए हर मुमकिन कोसिस करता है।
लेकिन जनसंख्या बहुत ज्यादा बढ़ने के कारण वो व्यक्ति समाज के प्रचलित नियमो का पालन करके अपने प्रयोजनों को पूरा नहीं कर पाते।
हर इंसान अपने खाद्य, बस्त्र और स्थान की प्रयोजन को पूरा करने के लिए हर मुमकिन कोसिस करता है।
लेकिन जनसंख्या बहुत ज्यादा बढ़ने के कारण वो व्यक्ति समाज के प्रचलित नियमो का पालन करके अपने प्रयोजनों को पूरा नहीं कर पाते।
माल्थस ने कहा है की इन्ही कारणों के वजह से समाज में एक ऐसा समय आता है , जब समाज के ज्यादातर व्यक्ति अपने प्रयोजनो को पूरा के लिए एक दूसरे का शत्रु बन पड़ते है।
ऐसे समाज में हत्या, हिंसा इत्यादि घटनाये बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, एक देश दूसरे देश को आक्रमण करते है।
जिसने वजह से बहुत लोगो की मृत्यु होती है और इन मृत्युओं के कारण धीरे धीरे जनसंख्या फिरसे कम होने लगती है और धीरे धीरे एक स्वभाबिक अवस्था (पहले जैसे) पर लौट आता है।
जिसने वजह से बहुत लोगो की मृत्यु होती है और इन मृत्युओं के कारण धीरे धीरे जनसंख्या फिरसे कम होने लगती है और धीरे धीरे एक स्वभाबिक अवस्था (पहले जैसे) पर लौट आता है।
माल्थस का पूरा सिद्धांत यही कहता है की जनसंख्या बृद्धि को अगर मानब खुद नियंत्रित नहीं करेगा तो एक समय ऐसा आएगा की प्रकृति ही इसको खुद नियंत्रित करने लगेगी।
चाहे वो यूद्ध या फिर हत्या जैसे घटनाओ से ही क्यों ना हो।
चाहे वो यूद्ध या फिर हत्या जैसे घटनाओ से ही क्यों ना हो।
