Thursday, 7 February 2019

जनसंख्या बृद्धि क्या है ? (JANSANKHYA VRIDDHI KYA HAI?)

जनसंख्या बृद्धि क्या है ? (JANSANKHYA VRIDDHI KYA HAI?)

दोस्तों सबसे पहले तो लोगो के मनमे रहित एक गलत धारणा को साफ साफ बता देना चाहता हु। दराचल समाज के ज्यादातर लोग ये गलत संकल्पना पालके चलते है की जनसंख्या बृद्धि एक सामाजिक समस्या है। हाँ मई भी ये मानता हु लकिन ये समस्या तब होता है, जब इसके कारण कई और सामाजिक समस्या का उद्भव होता है।
JANSANKHYA VRIDDHI KYA HAI, JANSANKHYA VRIDDHI KA DUSPARINAAM
समझने में आसानी हो इसके लिए आपको एक छोटा सा उदाहरण देकर बता देना चाहता हु। उदाहरण के रूप में : - एक देश में उद्पादन इतना होते है की उससे 100 लोगो की जरूरत पूरा हो सके और राहत की बात यह है की वहाँ लोगो की संख्या भी 100 ही है। अर्थात उस देश के उद्पादन के जरिए देश के प्रत्येक नागरिक की जरूरत पूरा हो जाता है। उस देश के लिए वो 100 जनसंख्या कोई समस्या नहीं है।

लकिन वही दूसरी तरफ और एक देश है जिसमे उसी देश के जैसे 100 लोग वास करते है लकिन अंतर सिर्फ इतना है की उनका जो उद्पादन है वो उन 100 लोगो की जरूरतो को पूरा नहीं कर सकता। उनके उद्पादन परिमाण के दुवारा केबल 50 या 60 लोगो की जरूरतो को ही पूरा करना संभव है। उस देश के लिए ये जनसंख्या एक सामाजिक समस्या है।

दोस्तों हमारे भारत जैसे देशो के लिए जनसंख्या बृद्धि के एक सामाजिक समस्या होने का एहि मुख्य कारण है। इस देश में जितना उद्पादन होता है वो सारे यहाँ के लोगो की जरूरतो को पूरा करने के लिए काफी नहीं है। इसके कारणवर्ष यहाँ और भी सामाजिक समस्याऔ का जनम होता है, जैसे की चोरी, डकइती इत्यादि।

क्या आप जानते है फ़िनलैंड और सिंगापूर जैसे देशो के लिए जनसंख्या कम होते जाना एक समय बनता जा रहा है। एक तथ्य के अनुसार 2016 में फ़िनलैंड की जनसंख्या सं 1916 से 600 कम थी।

दोस्तों ये सारे आकरे एहि कहते है की जनसँख्या बृद्धि खुद एक समस्या नहीं है, इसके कारण बाकि सारे समस्याओ का जनम होने के कारण ही ये एक सामाजिक समस्या है। अगर ये सीधा ही एक सामाजिक समस्या होता तो सिंगापूर और फ़िनलैंड जैसे देशो के सरकार अपने अपने देशो में इसको बढ़ाने की कभी कोसिस नहीं करती।

Related Articles: -


जनसंख्या बृद्धि का दुष्परिणाम ? (JANSANKHYA VRIDDHI KA DUSPARINAAM)


जब किसी देश या समाज में जनसंख्या अत्यधिक बृद्धि होने लगता है तब उसके कारण बहुत सारे समस्याओ का भी जनम होता है। दोस्तों चलिए इसके कुछ दुष्परिणामों को जानने की कोसिस करते है।  

1. खाद्य की समस्या: - प्रत्येक व्यक्ति को जीवित रहने के लिए खाद्य की जरूरत पड़ती। लकिन अगर खाद्य वस्तु का उद्पादन जनसंख्या बृद्धि की तुलना कम होता गया तो इससे देश में खाद्य की समस्या उद्भव हो जाएगी।

इससे कुछ लोग भुकमरी में जियेंगे, देश में आकाल पड़ जायेगा तथा सामग्री की दाम में अत्यधिक बृद्धि हो जाएगी। पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशो में ये एक बड़ा समस्या है।


2. बेरोजगारी की समस्या: - हर एक इंसान को अपने अपने जरूरतो को पूरा करने के लिए धन की जरूरत  पड़ती है। और धन की इस जरूरत को पूरा करने के लिए काम भी करना पड़ता है।

दोस्तों अगर जनसंख्या अत्यधिक मात्रा में बढ़ता रहा तो समाज या सरकार किस किस को नियुक्त करने में शक्षम हो पाएंगे ? सायद 10 में से 5 को ही पायेगी और जो बाकि 5 है उनको बेरोजगार ही रहना पड़ेगा। इसी कारण बेरोजगारी की समस्या में बढ़ोतरी भी इसी जनसंख्या बृद्धि का अन्यतम दुष्परिणाम है।    


3. प्राकृतिक परिवेश का पतन: - जनसंख्या बृद्धि के कारण प्राकृतिक परिवेश का पतन भी होता है। दराचल इंसान को रहने के लिए घर की जरूरत पड़ती, तथा खाने खाद्य और पहनने को कपडे। और इन सबको प्रस्तुत करने के लिए जो जो सामग्री की आवश्यकता पडती है वो सब इंसान प्राकृतिक परिवेश से ही संग्रह करते है।

अत्यधिक जनसंख्या बृद्धि के कारण इन चीज़ो की जरूरत जिन दिन बढ़ता ही जायेगा तथा इंसानो को प्रकृति के ऊपर ज्यादा निर्भरशील होना पड़ेगा। इसके कारणवर्ष जीव-जन्तुओ की मृत्यु होगी, जंगल-वन सारे बिध्वस्त होंगे तथा पुरे प्राकृतिक परिवेश का ही धीरे धीरे पतन होगा।    

भारत में जनसंख्या बृद्धि के कारण (? (BHARAT ME JANSANKHYA VRIDDHI KE KARAN)

1. शिक्षा का आभाव। भारत मे अभीभी 25 प्रतिशत लोग पूर्ण रूप से निरक्षर है। इसके करणवर्ष बहुत सारे लोगो को ये पता नहीं चलता की कैसे जन्म नियंत्रण किआ जाये तथा यौन मिलन के दौरान यतार्थ सावधानी कैसे अवलम्बन की जाये।

2. दूसरा कारण है अंधबिस्वास। यहाँ कुछ लोग ये सोचते है की जन्म नियंत्रण करना पाप है। क्योकि संतान तो भगवान की देन होती है और उनके इच्छा के विरुद्ध जाकर जन्म नियंत्रण करना अनुच्छित है।

3. अवैध प्रवास। भारतवर्ष में इसके आस-पास की देशो [बंगलादेश] से हर साल लाखो की तादाद में लोग प्रवास करते है। अवैध प्रवास की समस्या विशेष करके इस देश की उत्तर-पूर्वी हिस्से में ज्यादा होती है। इसके कारण भी आज भारत देश में जनसंख्या बृद्धि हो रही है।