Friday, 1 March 2019

भारत में कुल कितनी जाती है? (Bharat Me Kul Kitni Jati Hai?)

भारत में कुल कितनी जाती है? (Bharat Me Kul Kitni Jati Hai?)


'भारत में कुल कितनी जाती है?' दोस्तों इस प्रश्न का सीधा सीधा उत्तर है 4 मुख्य जाती प्राचीन भारत के प्रथा अनुसार हिन्दू धर्म के अंतर्गत इन जातिओ को 4 मुख्य भागो में बाटा गया है। 

दोस्तों आपको बता देना चाहता हु की भारतवर्ष इन जाति का निर्धारण वैदिक युग में कर्म के आधार पर किआ जाता था।
Bharat Me Kul Kitni Jati Hai?

वैदिक युग के महान क्षत्रीय विस्वमित्र ने तो अपने कर्म के जरिए ब्राह्मणो का स्तर भी प्राप्त कर लिए था। लकिन बाद में काव्यिक युग में ये जाती व्यबस्था कर्म से बदल कर जन्म आधारित हो गया।

भारत में आज भी व्यक्ति की जाती कर्म नहीं बल्कि जन्म के आधार पर निश्चित किआ जाता है। अब चलिए जानते है ये चार मुख्य जाती कौन कौन सी है और उनका कर्म क्या क्या है ?

1.  ब्राह्मण : - जाती व्यबस्था एक पिरामिड जैसा है , जिसमे ब्राह्मण जाती सबसे ऊपर के स्थान पे आते है। जाती व्यबस्था के अनुसार ब्राह्मणो का काम होता है पूजा-पाठ करना तथा समाज के बाकि लोगो पाप से उद्धार करना।

पहले के समय में लोग ये मानते थे ब्राह्मण जाती के लोग ही भगवान के अति करीब है इसीलिए अगर भगवान के लिए कुछ वार्ता भेजना है तो सिर्फ उनके दुवारा भेज पाना ही संभव है।


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2. क्षत्रीय : - क्षत्रीय जाती के लोग ब्राह्मणो के पीछे पीछे ही आते है। इसीलिए जाती व्यबस्था में इनका स्थान होता है दूसरा। क्षत्रीय जाती काम होता है राष्ट्र शासन करना और युद्ध कला में निपुण होना।

महाभारत के युग के कुछ क्षत्रीय शासको के नाम थे भीष्म, राजा शांतनु, युधिस्ठिर और उनके भाई भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव इत्यादि।


3. वैश्य : - वैश्य जाती जाती व्यबस्था के तीसरे पायदान में आते है। परंपरा अनुसार इनका काम होता है राष्ट्र-राज्य का व्यापारिक क्षेत्र को संभालना।


4. शूद्र : - शूद्र जाती सबसे निचले पायदान की जाती होती है। इनका काम होता है इनसे ऊपर के जातिओ की सेवा करना। महाभारत के युग में देखा गया था की शूद्र जाती में बड़े होने के कारण महावीर कर्ण को शस्त्र विद्या सिखने नहीं दिआ गया था।

तो एहि है आपके प्रश्न का उत्तर "भारत में कुल कितनी जाती है? (Bharat Me Kul Kitni Jati Hai?)".