दुनिआ के महान समाजशास्त्री [एक एक करके]
1. अगस्त कोम्टे: - जब हम समाजशास्त्र की बात करते है तो सबसे पहले जिस समाजशास्त्रीक का स्मरण अपने मनमें आता है वो है अगस्त कोम्टे। अगस्त कोम्टे एक फ्रेंचेस दार्शनिक थे। उनका जनम हुआ था सं 1798 के 19 जनुअरी को फ्रेंच के मोन्तेपिलर में। उनका पूरा नाम था Isidore Marie Auguste François Xavier Comte.
अगस्त कोम्टे को ही समाजशास्त्र का पिता माना जाता है। सं 1839 में मानव समाज को अध्ययन करने के लिए इन्होने ही प्रत्यक्षवाद का जनम दिआ था, जिसने मानव समाज पद्धिति को वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन करने का रस्ता खोल दिआ।
अगस्त कोम्टे के कुछ उल्लेख्यनीय ग्रन्थ: - Positive Philosophy, A programme of scientific work required for the recognization of society, Positive politics इत्यादि।
अगस्त कोम्टे के कुछ उल्लेख्यनीय ग्रन्थ: - Positive Philosophy, A programme of scientific work required for the recognization of society, Positive politics इत्यादि।
2. हरबर्ट स्पेंसर: - एक अत्यंत ही गरीब परिवार में जन्मे हरबर्ट स्पेंसर का जनम हुआ था सं 1820 के 27 अप्रैल को ब्रिटैन के डर्बी शहर में। दोस्तों क्या आप जानते है की हरबर्ट स्पेंसर को समाजशास्त्र का दुवितीय पिता भी कहा जाता है?
इनके एक अति विख्यात सिद्धांतो में से एक है सामाजिक अंगवाद का सिद्धांत। इस सिद्धांत में उन्होंने मानव देह और समाज संरचना के बिभिन्न दिशाओ की तुलना की है।
हरबर्ट स्पेंसर के कुछ अति विख्यात ग्रन्थ: - Principles of Sociology (1880), The Man Versus the State (1884), Justice-4 (1891).