Thursday, 3 January 2019

सांस्कृतिक अंतराल (cultural lag)

सांस्कृतिक अंतराल (cultural lag)


सांस्कृतिक अंतराल या सांस्कृतिक बिलम्बता (cultural lag) मानब समाज की अध्ययन के लिए एक अति महत्वपूर्ण सामाजिक परिघटना है। 

इस परिघटना केंड्रिक सिद्धांत को सबसे पहले आगे रखा था एक अमेरिकन समाजशास्त्राबिद William Fielding Ogburn ने उनके बिख्यात ग्रन्थ 'Social Change' में। 

उस ग्रन्थ में उन्होंने ब्याख्या किआ था की किसी समाज की जो संस्कृति है, उस संस्कृति का भौतिक अंश ज्यादा तेजी से समाज के व्यक्तिओ के बीच फैल जाति है और उसी तरह एक समाज से दूसरे समाज तथा एक देश से दूसरे देश तक। 

लकिन वही दुरी ओर जो अभौतिक संस्कृति है वो ज्यादा तेजी से नहीं फैलती। 


संस्कृति के इन दो भागो के बिच बिस्तार के गति की जो दुरी है उसी को Ogburn ने cultural lag या सांस्कृतिक अंतराल के रूप में चिह्नित किआ है।

भौतिक संस्कृति: - गाड़ी, मोबाइल, खाद्य  इत्यादि।
अभौतिक संस्कृति: -   यौक्तिक सोच, उच्च धारणा इत्यादि। 

सांस्कृतिक अंतराल, cultural lag

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उदाहरण: - हामारे भारतबर्ष जैसे देशो में आज बहुत सारे लोग महंगे महंगे गाड़ीआ चलाते है, अच्छे अच्छे स्मार्टफोन व्यबहार करते है, ऊचे ऊचे बड़े घरो में रहते है। क्या आपने कभी सोचा है, की ये सभी किस सोच के दुवारा निर्मित हुए है

हाँ बिलकुल ये सभी आधुनिक सोचो के दुवारा ही निर्मित हुए है, जो सभी भौतिक संस्कृति अंश है। इन सभी को सभ्यता भी कहाँ जाता है। 

अगर रात को अमेरिका में किसी गाड़ी का निर्माण होता है तो उसके दूसरे दिन भारत में उस गाड़ी को व्यबहार किआ जा सकता है। [सायद आप समझ सुके होंगे की कितने तेज गति से भौतिक संस्कृति बिस्तरित होती है]

अब आते है अभौतिक संस्कृति की तरफ। हमने जो आपको ऊपर बताया की भारत में बहुत सारे लोग अच्छे अच्छे स्मार्टफोन व्यबहार करते है, ऊचे ऊचे बड़े घरो में रहते है। 

लकिन क्या सबको ये ज्ञात है की उस स्मार्टफोन को किस तरीके से बनाया गया है, महंगे महंगे गाड़ीऔ का निर्माण पद्धिति क्या है ? बिलकुल नहीं।

सायद 100 लोगो में से 99 प्रतिशत लोगो को ये मालूम नहीं होगा। वो गाड़ी, स्मार्टफोन को कैसे बनाया जाता है, किस पद्दिती का व्यबहार किआ जाता है ? इत्यादि इत्यादि।

क्या आप जानते है की ये क्यों होता है ? दराचल यही है सांस्कृतिक अंतराल या cultural lag, जहा भौतिक संस्कृति (जिसको सभ्यता भी बोला जाता है) ज्यादा तेजी के साथ आगे बढ़ जाती है और जो अभौतिक संस्कृति है वो पीछे रह जाती है या धीमी गति से आगे बढ़ती है।


ये काफी दुःख दायक है की भारत के ज्यादातर समाज, व्यक्ति ये दावा करते है की वे आधुनिक हो गए है लकिन अध्ययन करके देखने से पता चलता है की देश के ज्यादातर समाज भौतिक दिशा के अलावा अभौतिक दिशा में आज भी पहले की अवस्था में ही है।


भारतीय समाज में आधुनिक संस्कृति की अभाव अभीभी बहुत ज्यादा है। उदाहरण : - अंधबिस्वास।


सांस्कृतिक विलम्बना के कारण

सांस्कृतिक विलम्बना के कारण

दोस्तों हमने ऊपर जाना की सांस्कृतिक विलम्बना की अवधारणा किसने दी और इसकी परिभाषा क्या है। अब आईए जानते है की इस अंतराल या बिलम्बता के मुख्य कारण क्या क्या है ?

1. इसका सबसे प्रथम कारण है वस्तुवादी संस्कृति ग्रहण करने में लोगो को आसानी होती है लेकिन इसके बिपरीत अवस्तुवादी संस्कृति की ग्रहण प्रक्रिया सामान्य मनुस्य के लिए आसान नहीं होती।

उदाहरण : - अगर आप 100 लोगो को भगवत गीता को अध्ययन करके इसका मूल अर्थ समझने को बोलोगे तो शायद 100 में 99 लोग इसमें व्यर्थ हो जायेंगे। 

लेकिन इसके बिपरीत अगर आप 100 लोगो को गाड़ी सिखने के लिए बोलोगे तो उसमे शायद 100 में 99 लोग आसानी से पास हो जायेंगे।


2. वर्तमान के समय में वस्तुवादी संस्कृति को लेकर व्यापार करना आसान है क्योकि लोग आसानी से इसको ग्रहण कर पाते है और दूसरी ओर आज का समय है पूंजीवाद का। उदाहरण : - मोबाइल, गाड़ी।

लेकिन अवस्तुवादी संस्कृति को लेकर व्यापार करना आसान नहीं जिसके कारण सामान्य लोगो तक ये आसानी से पहुंच नहीं पाटा। उदाहरण : - शिक्षा (बिना डिग्री का).