गरीबी की समस्या
(Garibi ki Samasya in Hindi)
व्यक्ति को जीबित रहने के लिए टीन मुख्या चीज़ो की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। प्रथम है खाद्य, दूसरा वस्त्र और तीसरा है स्थान या घर। इन तीन मौलिक जरूरतो को पूरा करने के लिए व्यक्ति को धन की आबश्यक होती है। लकिन जब व्यक्ति धन के अभाव के कारण अपने इन तीन मुख्य प्रयोजनों को पूरा नहीं कर पाते तभी इस उस व्यक्ति को गरीब बोला जाता है। और यही गरीबी का जनम होता है।
दोस्तों क्या आप गरीबी के बारे में गंभीरता से जानना चाहते हो? तो ठीक है इस लेख में हम इसके 5 मूल चरित्रों को अध्ययन करेंगे। इसके ये 5 मूल चरित्र आपको इस अबधारणा के बारे में अच्छे से जानने में काफी मदद करेंगे। तो चलिए सुरु करते है: -
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गरीबी के मुख्य चरित्र (Garibi Ke Mukhya Charitra)
1. गरीबी एक अर्थ-सामाजिक समस्या है। ये जिस तरह व्यक्ति के आर्थिक अवस्था के साथ जुड़ा हुआ होता है उसी तरह ये सामाजिक कारन के साथ जुड़ा भी जुड़ा हुआ होता है। अर्थात ये मानना पड़ेगा की व्यक्ति की आर्थिक दुर्बलता ही गरीबी का प्रार्थमिक कारण होता है लकिन इसके अलावा सामाजिक कारण भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार है। उदाहरण: -
अंधबिस्वास किसी समाज की गरीबी का अन्यतम कारन हो सकता है।
2. सामाजिक समस्या का ये मुख्य चरित्र ही होता है की ये अन्य समस्याओ की जनम के लिए भी जिम्मेदार होते है। गरीबी भी एक सामाजिक समस्या है जो अन्य समस्याओ का जनम देता है। इसके कारण किसी समाज में चोरी, डकैती, बेरोजगारी, वेश्या बृत्ति इत्यादि समस्या का भी जनम हो सकता है।
3. ये एक ध्यान देने वाला विषय है की दुनिआ के सबसे उन्नत देशो में भी गरीबी बिराजमान है। अर्थात ये एक ऐसा समस्या है जो सर्बजनिन है, हालांकि समय के साथ साथ थोड़ा कम हो रहा है लकिन दुनिआ का कोई भी समाज या देश इससे अब तक सम्पूर्ण मुक्त नहीं हो पाया है। अगर आप अमेरिका जैसे उन्नत देश भ्रमण करने जाओगे तो आपको वहाँ भी गरीबी देखने मिलेगी।
4. गरीबी समाज में रहने वाले व्यक्तिऔ की सुख प्रबृत्ति के बिपरीत है अर्थात व्यक्ति के प्राकृतिक सुख प्रबृत्ति को गरीबी आघात करता है। जिसके कारण समाज इसको निर्मूल करने का बिविन्न उपाय ढूंढ़ता रहता है।
5. गरीबी केबल सामाजिक प्रभाव के कारण ही नहीं होती, व्यक्ति खुद भी इसके लिए काफी जिम्मेदार होते है। कुछ व्यक्ति के पास काफी धन दौलत होने के बाउजूद भी, वो उसका सही प्रयोग करना नहीं जानते। ऐसे व्यक्ति चारित्रिक दुर्बलता के कारन अपना संपत्ति गवा बैठते है। इसीलिए गरीबी का कोई स्थिरकृत कारण नहीं है।