Thursday, 24 January 2019

शिक्षा और आधुनिकीकरण

शिक्षा और आधुनिकीकरण


दोस्तों शिक्षा और आधुनिकीकरण के सम्पर्क की गंभीरता को जितना ज्यादा आलोचना किआ जाये उतना ही कम है। आज समय का है आधुनिकताबाद का, जिसके कारण लोगो की मानसिकता में भी आधुनिक सोच का प्रचार अति तीब्र गति से होने लगा है। एहि वो कारण है जिसके वजह से आज शिक्षा के ऊपर आधुनिकताबाद का प्रभाव अत्यंत गंभीर हो सुका है।

दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे की आधुनिकीकरण शिक्षा के क्षेत्र में क्या क्या प्रभाव बिस्तार कर रहा है और किस तरह हामारे शिक्षा व्यबस्था को ये परिवर्तित कर रहा है। तो चलिए इस लेख को आरम्भ करते है।
 
शिक्षा और आधुनिकीकरण
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1. दूरस्थ शिक्षा या डिजिटल शिक्षा: - दोस्तों हम सभी तो यूट्यूब के साथ बहुत पहले से ही परिचित है। ये हम सभी को ज्ञात होना चाहिए की यूट्यूब शिक्षा का एक अत्यंत सरल और मुक्त माध्यम है। इसके जरिए हम कही से भी पढ़ सकते है। केबल यूट्यूब ही नहीं आज कल तो और भी नए नए शिक्षा माध्यम गए है जैसे की BYJU'S, Udemy इत्यादि। इन सबके जरिए हम घर बैठे ही बिभिन्न विषयो के ऊपर शिक्षा आहरण कर सकते है।

दोस्तों आज कल के समय में गुरु और शिक्षार्थी की एक साथ शारीरिक उपस्थिति जरूरी नहीं है। गुरु अगर अमेरिका में है और शिक्षार्थी भारत में तो भी कोई बुरी बात नहीं है बस एक स्मार्ट फ़ोन या कंप्यूटर के माध्यम से आराम से शिक्षा संभव हो सकता है। डिजिटल शिक्षा आधुनिकीकरण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अवदान है। 


2. प्रगतिशील तथा यौक्तिक शिक्षा: - पहले के समय में क्या होता था ? गुरु ने जो पढ़ाया उसी को शिक्षार्थी सही मानके ग्रहण कर लेते थे। गुरु की शिक्षा के ऊपर शिक्षार्थी कभी भी प्रश्न करने की साहस भी नहीं करते थे, क्योकि वे ये मानके चलते थे की अगर उन्होंने अपने गुरु को प्रश्न किआ तो वो उनका अपमान हो जाएगा 

लकिन आधुनिक शिक्षा की प्रभाव के कारण आज वो प्रथा सम्पूर्ण रूप से बदल सुका है। शिक्षार्थी ये समझ सुके है, की उनके गुरु से भी भूल हो सकता है क्योकि वे भी एक मनुस्य ही है

गुरु को प्रश्न करना उनको अपमान करना नहीं होता बल्कि शिक्षा को अचल में सम्मान करना होता है। समाज में ऐसे प्रगतिशील तथा यौक्तिक शिक्षा का विकाश भी आधुनिकीकरण का ही देन है। दोस्तों, किसी सत्य को उद्घाटन करने के लिए प्रश्न करना अत्यंत ही जरूरी होती है।

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3. प्रद्यौगिक शिक्षा का विस्तार: - शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति की मानसिकता का विकाश हो ये बेहद जरूरी है। लकिन शिक्षा अगर व्यक्ति को जीबन यापन करने के लिए उपयुक्त ज्ञान ही प्रदान ना कर पाए तो ये भी बाद में, ये भी व्यक्ति की मानसिकता का विकाश में बाधा बनके खड़ा हो सकता है। दोस्तों पहले की समय में शिक्षा के जरिए व्यक्ति को केबल अपने मानसिक उत्कर्ष साधन करने को ही सिखाया जाता था।

लकिन वो तरीका आज लगभग बदल सुका है। इसके साथ जुड़ सुका है प्रद्यौगिक शिक्षा पद्धिति। प्रद्यौगिक शिक्षा पद्धिति के माध्यम से आज शिक्षार्थीओ को मानसिक विकाश के साथ साथ ये भी सिखाया जा रहा है की कैसे अपने जीवन-यापन के लिए खुदको कारिकारी रूप दक्ष किआ जाये।

आधुनिकताबाद का जन्म ही यौक्तिकता के कारण हुआ है, इसीलिए आधुनिकताबाद शिक्षा को भी ऐसे प्रतिष्ठा करना चाहता है की इसके माध्यम से समाज का हर तरीके से लाभ ही हो।


4. गतिशील शिक्षा व्यबस्था: - मानब समाज कभी भी एक जैसे नहीं रह सकता। अगर आप आजके साथ दस साल पहले के समय की तुलना करोगे तो आपको पता चलेगा की समाज कितनी तेज़ गति से आगे बढ़ रहा है। दोस्तों समाज की इस परिवर्तन के साथ साथ शिक्षा का अनुकूलन भी अत्यंत जरूरी है। अन्यथा पुराने शिक्षा व्यबस्था के साथ नया समाज व्यबस्था कभी भी मेल नहीं हो पायेगा।

आधुनिकीकरण के प्रभाव के कारण आज का शिक्षा व्यबस्था अत्यंत गतिशील हो गया है। पहले अगर एक शिक्षा व्यबस्था 10 से 15 साल तक चलता था आज वो शिक्षा व्यबस्था दो या तीन साल तक ही चलेगा या चलता है। समय के साथ साथ शिक्षा की गति या परिवर्तन भी आधुनिकीकरण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अबदान है।