समाज सेवा
दोस्तों इस लेख में हम बात करेंगे की समाज सेवा क्या है ? क्या आप इसके बारे में ब्रिस्टिट रूप से जानना चाहते हो? अगर हाँ तो ये लेख आपके लिए जरूर सहायक बनेगी क्योकि इस लेख में हम इसी बात को जानने की कोसिस करेंगे। तो चलिए दोस्तों आरम्भ करते है।
समाज सेवा क्या है ?
दराचल समाज सेवा एक आदर्श तथा एक मनोभाव है। इस मनोभाव के दुवारा कोई व्यक्ति या कोई संगठन किसी और व्यक्ति या समाज को बिना स्वार्थ उपकार करने की कोसिस करता है या करता है। इसमें व्यक्ति का आतंरिक सुख ही सबकुछ होता है, इसीलिए इसमें व्यक्ति कभी भी वस्तुगत सुख के ऊपर ज्यादा ध्यान नहीं देते।
दोस्तों इस विषय अच्छे से जानने के लिए इसके कुछ अति महत्वपूर्ण चरित्रों को जानना हामारे लिए जरूरी है। तो इसके पांच महत्वपूर्ण चरित्रों को जान लेते है चलिए।
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समाज सेवा का कुछ अति महत्वपूर्ण चरित्र
1. उच्च मान का मानवीय आदर्श: - समाज सेवा हमेशा ही एक उच्च मान का मानवीय आदर्श रहा है। क्योकि वही सारे व्यक्ति इस काम को करने जाते है जो उच्च मानवीय प्रमूल्यो के दुवारा शिक्षित तथा दीक्षित होते है।
2. ना कोई लाभ और ना कोई स्वार्थ: - इसमें जो व्यक्ति कार्य संपन्न करता है उनका इस काम को करने के पीछे ना कोई लाभ रहता है और ना ही कोई स्वार्थ। जिसके कारण समाज सेवा को दुनिआ के हर धर्मो में एक पवित्र कार्य भी माना गया है।
3. मानसिक शांति: - जो भी व्यक्ति इस कार्य को करता है उसे मानसिक शांति प्राप्त होता है। समाज में ऐसे व्यक्ति को सम्मान और आदर किआ जाता है।
4. सामाजिक कल्याण से सम्बन्धयुक्त : - समाज सेवा के दुवारा हमेशा ही सामाजिक कल्याण के ऊपर ध्यान दिआ जाता है। इसके दुवारा हमेशा ही समाज तथा व्यक्ति का उपकार होता है।
5. पुराणा पद्धिति: - मानब समाज की उपकार के लिए ये एक बहुत ही पुराणा पद्धिति है। प्राचीन भारतीय समाज में गरीब कल्याणकामी कार्य इसका एक अति महत्वपूर्ण उदाहरन है। हालाकि आधुनिक समाज में इसका विकाश तीब्र गति से होने लगा।