बाल मजदूरी रोकने के उपाय
जिस तरह समाज में समस्या होता है उसी तरह उस समस्या को रोकने का उपाय भी होता है। हमने आपको इससे पहले की लेख में बताया की बाल मजदूरी क्या है और इसको कैसे रोका जाये। दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे की बाल मजदूरी रोकने के उपाय क्या क्या है ? किस तरीके का व्यबहार करके इस समस्या को हम समाज से पूर्ण तरीके से निर्मूल कर सकते है ?
तो चलिए इस लेख को आरम्भ करते है।
बाल मजदूरी रोकने के 4 मुख्य उपाय
1. गरीबी को ख़तम करना: -
इस समस्या को रोकने का जो प्रथम दवाई है वो है गरीबी को ख़तम करना। कोई बालक मजदुर बनने के लिए क्यों इतनी छोटी उम्र में बाध्य हो जाता है? क्या उसे मजदुर बनने में अच्छा लगता है ? बिलकुल नहीं। इसका मूल कारन है की माता-पिता अपने बच्चो की जरूरतो को पूरा करने में असमर्थ है, जिसके लिए उनको धन की जरूरत पड़ती है।
बाल मजदूरी मुख रूप से गरीबी के कारन ही उत्पन्न होती है। इसीलिए अगर इस समस्या से मानब समाज को बचाना है तो सबसे पहले गरीबी को ख़तम करना होगा तभी जाके ये समस्या भी धीरे धीरे कम होगा। माता-पिता का मजबूत आर्थिक अवस्था बच्चो की भाबिस्व को सुरक्षित करने में बहुत ही बड़ा योगदान देता है।
2. कानून व्यबस्था को शक्त करना: -
बाल मजदूरी को रोकने के लिए तो बिभिन्न समय पर बहुत बड़े बड़े नारे लगाए जाते है। कुछ आदर्शबादी लोग भाबुक भाषण भी इसके विरुद्ध प्रदान करते है। लकिन मई आपसे पूछता हु की कितने लोग इस समस्या को रोकने के लिए कानून को शक्त करने के ऊपर सरकार को जोर देते है ? सायद लाखो में से दो या तीन व्यक्ति ही ऐसे निकलेंगे जो आज के समय में सरकार को कानून व्यबस्था को शक्तिशाली करने के ऊपर जोर दे रहे है।
समाज में ऐसे बहुत सारे व्यक्ति है जो उच्च शिक्षित है और ये भी जानते है की बाल मजदूरी का व्यबहार करना कानूनन अपराध है लकिन फिर भी इसका समर्थन तथा व्यबहार करते है। इसीलिए इस समस्या को रोकने के लिए कानून व्यबस्था को इन अपराधिओं के विरुद्ध कठोर होना पड़ेगा तथा साधारण जनता को भी इस काम में कानून को मदद करना पड़ेगा।
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3. जन्म नियंत्रण करना: -
आप सायद सोच रहे होंगे की बाल मजदूरी को रोकने के साथ जन्म नियंत्रण का क्या संपर्क है ? बिलकुल संपर्क है दोस्तों। दराचल कुछ पुरुष-महिला जन्म नियंत्रण की उपाय को ना जानकर बहुत सारे संतान तो पैदा कर देते है लकिन जन्म के बाद उनके पालन पौषण का जो भार होता है ,उसको लेना उनके लिए काफी कठिन हो जाता है। इसीलिए जब उनकी संताने थोड़ा बड़ा होते है, तब वे उनको किसी दूसरी जगह काम करने के लिए भेज देते है। उदाहरण: -
बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान जैसे देशो में बाल मजदूरी की बृद्धि होने का ये एक अति महत्वपूर्ण कारन है।
इसीलिए सरकार को जन्म नियंत्रण के लिए बिभिन्न प्रकार के व्यबस्थाओं को ग्रहण करना पडेगा। जैसे की व्यक्तिओ को इसके विरोद्ध सचेतन करना, जन्म नियंत्रण के लिए यौन मिलन के दौरान क्या क्या सबधाणी बरतनी जरूरी है उसके ऊपर ज्ञात करना, जन्म नियंत्रण को लेकर लोगो के बिच में जो जो अंधबिस्वास है उन सबको दूर करना इत्यादि इत्यादि।
4. आध्यत्मिक शिक्षा का बिकाश: -
दुनिआ के ज्यादातर सामाजिक समस्याओ का मुख्य कारण आध्यत्मिक ज्ञान का अभाव ही होता है और दूसरी ओर समाधान सूत्र भी एहि होता है। दोस्तों ये तो हम सभी अनुभव कर सकते है की जब कोई व्यक्ति बाल मजदूरी का समर्थन करता है तथा अपने स्वार्थ पूर्ति हेतु इसका व्यबहार करता है वो व्यक्ति आध्यत्मिक रूप से काफी दुर्बल होता है।
वो ये सोच नहीं पाता की बाल श्रम के दुवारा बच्चो का जीवन बिध्वंश की ओर गति करता है, तथा समाज इसके जरिए अंधकार में चला जाता है। इन व्यक्तिओ को आध्यत्मिक शिक्षा के माध्यम से सही रस्ते पर लाया जा सकता है और इनके मन में भी बाल मजदूरों के प्रति सहानुभूति जगाया जा सकता है।